प्रशिक्षण
सूचना सीखने का एक स्रोत है……………………….
लेकिन जब तक इसे व्यवस्थित, संसाधित और सही लोगों के लिए निर्णय लेने के प्रारूप में उपलब्ध नहीं किया जाता है, तब तक यह एक बोझ है, लाभ नहीं!!!!!!
भारतीय वन सर्वेक्षण (भा०व०स०) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक सम्मानित राष्ट्रीय संगठन है और समय-समय पर भारत के वन संसाधनों का आकलन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वनसंसाधन के आकलन के अलावा इस महत्वपूर्ण संस्थान की प्रतिदर्श इकाई, 1981 से वानिकी कार्यों कर्मियों को प्रभावी नियोजन प्रबंधन हेतु वन सर्वेक्षणमे आधुनिक तकनीको पर ज्ञान और सूचना के प्रसार के उद्देश्य को साकार करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करती है | अतः प्रशिक्षण के अंतर्गत मानव संसाधन विकास और तकनीकी कौशल की आवश्यकता को समझते हुए कईं योजना और क्षमता निर्माण को सम्मिलित किया जाता है |
आर०एस०-जी०आई०एस०वन की रणनीतिक योजना और प्रबंधन के लिए एक बहुत ही उपयोगी और सबसे प्रभावी नियोजन उपकरण है, इसलिए, वन संसाधन मूल्यांकन के लिए आर०एस०-जी०आई०एस०आधारित तकनीक को मजबूत करना समय की आवश्यकता है। इस संबंध में, प्रशिक्षण विभागएक सप्ताह के पाठ्यक्रम, 2-3 दिनों की अवधि के अल्पकालिक पाठ्यक्रम प्रदान करता है और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के लिए ज्ञान को अद्यतन करने और कौशल को मजबूत करने के लिए राज्य वन विभागों के अनुरोध पर राज्यों में आउटरीच प्रशिक्षण कार्यक्रम वन सर्वेक्षण और सीमांकन और वन संसाधन मूल्यांकन में कार्य योजनाओं, जीपीएस / डीजीपीएस / ड्रोन अनुप्रयोगों की तैयारी के लिए आरएस और जीआईएस के आवेदन में प्रगति पर आवश्यक्तानुसार पाठ्यक्रमों को सब्सिडी के माध्यम से भी आयोजित करता है।
मानव संसाधन की क्षमता निर्माण को देश को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में मान्यता दी गई है ताकि सुसंगत और मानकीकृत आरएस/जीआईएस आधारित प्रौद्योगिकी के लाभ वन प्रबंधन, संसाधन सूची और मानचित्रण की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
व्याख्यान, तकनीकी सत्रों, व्यावहारिक चर्चाओं, प्रदर्शनों और फील्डविजिटके माध्यम से वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान की उन्नति के लिए एक ऐतिहासिक और प्रगतिशील परिप्रेक्ष्य प्रदान करना।
भारतीय का वन सर्वेक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे, अत्याधुनिक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर और प्रतिष्ठित संस्थानों के, कुशल इन-हाउस और प्रतिष्ठित संस्थानों के अतिथि प्रोफेशनलों की व्यवस्था करता है। उन्नत डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग (DIP) सॉफ्टवेयर जैसे ERDAS इमेजिन और GIS सॉफ्टवेयर जैसे ArcGIS प्रशिक्षण उद्देश्य के लिए उपलब्ध हैं। क्यू-जीआईएस जैसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
राष्ट्रीय वन डेटा प्रबंधन केंद्र (डिजिटल कार्टोग्राफिक सिस्टम और उन्नत आरएस/जीआईएस सुविधाओं के साथ) और वन इन्वेंट्री इकाई, अपनी विशेष गतिविधियों के साथ विशेष विषयों पर प्रशिक्षण देने की विशिष्ट आवश्यकताओं को भी पूरा करती है। व्यावहारिक अभ्यास के लिए पर्याप्त संख्या में जीपीएस, डीजीपीएस इकाइयां उपलब्ध हैं। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उभरती हुई प्रौद्योगिकी की सुविधा प्रदान करते हैं जैसे: ड्रोन की प्रौद्योगिकी और वानिकी में उनके अनुप्रयोग। इसके अलावा, प्रशिक्षण मॉड्यूल में पाठ्यक्रम व्याख्यान, प्रदर्शनों के साथ व्यावहारिक सत्र, चर्चा और फील्ड विजिट भी संरचित किए जाते हैं।
इन-हाउस सुविधाओं के अलावा, प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थान और प्रमुख संगठनों जैसे भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (IIRS), क्षेत्रीय सुदूर संवेदन सेवा केंद्र, भारतीय सर्वेक्षण (SOI), भारतीय वन्यजीव संस्थान से एक प्रतिष्ठित अतिथि संकाय (WII), ICFRE/FRI और SFDs, IIT और नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) हैदराबाद के विशेषज्ञ विशेष डोमेन में पाठ्यक्रम प्रतिभागियों के साथ अपने ज्ञान और अनुभव को साझा करने के लिए आमंत्रित किये जाते हैं| हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम सामग्री, अनुसूची और अध्ययन सामग्री प्रदान करने में भी योगदान देता है जिसे पाठ्यक्रम समन्वयकों और विशेषज्ञों द्वारा सावधानी पूर्वक डिजाइन किया गया है।
भा०व०स० परिसर में स्थित प्रशिक्षण छात्रावास (वनावरण भवन) में आवास उपलब्ध कराया जाता है। प्रशिक्षण छात्रावास का निर्माण 1444 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया गया है। अत्याधुनिक दो मंजिला इमारत में सिंगल और डबल एसी कमरे/लाउंज, कॉन्फ्रेंस हॉल और किचन के साथ कम्युनिटी डाइनिंग हॉल है। प्रशिक्षण छात्रावास में आमतौर पर जुड़वां साझाकरण के आधार पर आवास प्रदान किया जाता है। छात्रावास में टीवी, लाउंज, सम्मेलन कक्ष, इंटरनेट और भोजन सुविधा के साथ 7 सुइट और 9 डबल बेड वाले एसी कमरे हैं।
संस्था टेबल टेनिस, शतरंज और कैरम जैसे इनडोर खेलों की सुविधा भी प्रदान करती है। परिसर में सुबह/शाम की सैर के लिए पर्याप्त जगह है और उच्च योग्य और अनुभवी योग प्रशिक्षकों द्वारा योग कक्षाएं भी प्रदान की जाती हैं।
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के वन विभागों द्वारा प्रायोजित प्रतिभागियों के लिए कोई पाठ्यक्रम शुल्क नहीं है। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों का वेतन, यात्रा व्यय आदि संबंधित वन विभाग द्वारा वहन किया जाता है। भारतीय वन सर्वेक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के रहने और खाने का खर्च वहन करता है।
अंत में, पाठ्यक्रम के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, सभी पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम पूरा होने का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया और इसके अलावा, सभी प्रस्तुतियों सहित अध्ययन सामग्री (दोनों हार्ड और सॉफ्ट प्रारूप में) वाली एक पेन ड्राइव प्रदान की गई।
नई रा.व.इ. (NFI) डिजाइन | |
16वें चक्र के लिए वनावरण मानचित्रण | |
निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) और ई-ग्रीन वॉच | |
कार्य योजना तैयार करने के लिए वन संसाधन/कार्बन इन्वेंट्री | |
कार्य योजना तैयार करने में आर.एस./जी.आई.एस. का अनुप्रयोग | |
वन सर्वेक्षण तथा सीमांकन में ड्रोन/डी.जी.पी.एस. का अनुप्रयोग | |
प्रभावी वन योजना एवं प्रबंधन में आर.एस./जी.आई.एस. तथा इन्वेंटरी का अनुप्रयोग | |
वन अग्नि निगरानी और क्षति का आकलन | |
भा.व.स. द्वारा वन संसाधन मॉनीटर पर सुग्राहित पाठ्यक्रम |
क्रमांक | महीना | प्रशिक्षण का नाम | अधिकारियों के पदनाम | पाठ्यक्रम की अवधि | प्रतिभागी |
1 | जनवरी | 1) कार्य योजना तैयार करने में आर.एस./जी.आई. एस. का अनुप्रयोग | डब्ल्यूपीओ/एसीएफ/आरएफओ | एक सप्ताह, 15.01.2018 से 19.01.2018 | 23 |
2 | फ़रवरी |
1) वन सर्वेक्षण और सीमांकन में जीपीएस/डीजीपीएस | डीसीएफ/एसीएफ/आरएफओ/वन सर्वेक्षक | एक सप्ताह, 05.02.2018 से 9.02.2018 तक | 26 |
3 | 2) "वनाग्नि निगरानी और क्षति का आकलन" | भा.व.स. अधिकारीगण | दो दिन, 26.02.2018 से 27.02.2018 | 12 | |
4 | मार्च | --- | --- | --- | --- |
5 | अप्रैल | --- | --- | --- | --- |
6 | मई | "वन और पर्यावरण सांख्यिकी" | भा.व.स. परिवीक्षाधीन | एक सप्ताह, 01.05.2018 से 04.05.2018 तक | 26 |
7 | जून | --- | --- | --- | --- |
8 | जुलाई | "नई राष्ट्रीय वन इन्वेंट्री डिजाइन" | भा.व.स. के आँचलिक कर्मचारीगण | एक सप्ताह, 16.07.2018 से 20.07.2018 | 20 |
9 | जुलाई | ''वैश्विक वन संसाधन आकलन 2020 (एफ.आर.ए. 2020) पर दक्षिण और मध्य एशिया के लिए उप क्षेत्रीय कार्यशाला | दक्षिण और मध्य एशिया के लिए उप क्षेत्रीय कार्यशाला | चार दिन, 24.07.2018 से 27.07.2018 | 25 |
10 | अगस्त | "नई राष्ट्रीय वन इन्वेट्री डिजाइन" | भा.व.स. के आँचलिक कर्मचारीगण | एक सप्ताह, 06.08.2018 से 10.08.2018 तक | 22 |
11 | सितंबर |
"कार्य योजना तैयार करने में आरएस/जीआईएस का अनुप्रयोग" | डब्ल्यूपीओ/एसीएफ/आरएफओ | एक सप्ताह, 03.09.2018 से 07.09.2018 तक | 10 |
12 | "राष्ट्रीय कार्य योजना संहिता 2014" | कर्नाटक वन विभाग के अधिकारीगण | तीन दिन, 17.09.2018 से 19.09.2018 | 20 | |
13 | "प्रभावी वन योजना एवं प्रबंधन में आर.एस./जीआईएस तथा इन्वेंटरी का अनुप्रयोग" | भा.व.स. अधिकारीगण | एक सप्ताह, 24.09.2018 से 28.09.2018 | 18 | |
- | - | - | - | कुल | 202 |
भा.व.स. ने संगठन में चल रही जियोमैटिक्स गतिविधियों अर्थात् एफ.सी.एम., एफ.टी.एम., वनाग्नि मॉनिटरिंग, वन इन्वेंट्री और वा.व.वृक्ष आकलन पर विभिन्न राज्यों से प्रतिनिधित्व करने वाले पेशावरों के लिए पूरक जानकारी हेतु व्यवसायिक निरीक्षण भी आयोजित किया है । वैज्ञानिक, शिक्षाविद, शोधकर्ता और वानिकी के छात्र नियमित आगंतुकों में रहे थे तथा इन निरीक्षणों की हमेशा सराहना की गई है ।
2018 के दौरान भा.व.स. के आगंतुक
भा.व.स., रा.व.से. परिवीक्षार्थी, एफ.आर.ओ., वनपाल तथा केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रालयों अथवा विभागों के वैज्ञानिकगण ।
शिक्षाविद/ छात्र/ वानिकी आधारित अथवा कृषि आधारित विश्वविद्यालयों के अंतर्स्नातक, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के संकाय ।
क्रमांक | संगठन का नाम | प्रतिभागियों की संख्या | तिथि |
1 | बी.एससी. वानिकी (ऑनर्स) बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची | 22 | 02.11.2017 |
2 | वन कॉलेज और अनुसंधान संस्थान (टीएनएयू) मेट्टा पालयम तमिलनाडु से छात्र और कर्मचारी | 40 | 02.011.2017 |
3 | कैसफॉस देहरादून से रा.व. अधिकारी | 12 | 09.11.2017 |
4 | कैसफॉस देहरादून से रा.व. अधिकारी | 35 | 04.012.2017 |
5 | वन प्रशिक्षण संस्थान (हिमाचल प्रदेश) | 45 | 19.12.2017 |
6 | कुंडल अकादमी ऑफ डेवलपमेंट प्रशासन एवं प्रबंधन कुंडल, जिला: सांगली (महाराष्ट्र) | 38 | 26.12.2017 |
7 | वन प्रशिक्षण संस्थान तथा रेंजर्स कॉलेज, सुंदरनगर (हिमाचल प्रदेश) | 49 | 29.12.2017 |
8 | केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर तथा वानिकी, पासीघाट, अरुणाचल प्रदेश से बी.एससी. के छात्र | 20 | 02.01.2018 |
9 | भा.व.स. कैसफॉस, कोयम्बटूर | 38 | 08.02.2018 |
10 | वानिकी तकनीकी एवं विज्ञान विश्वविधालय, सैम हिग्गिनबॉटम, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश | 42 | 19.02.2018 |
11 | एसएचयूएटीएस, इलाहाबाद, यूपी | 38 | 22.02.2018 |
12 | कश्मीर वन प्रशिक्षण विद्यालय | 22 | 07.03.2018 |
13 | सी.एस. आजाद विश्वविद्यालय, कानपुर | 47 | 27.03.2018 |
14 | कैसफॉस देहरादून | 44 | 12.04.2018 |
15 | कर्नाटक वन अकादमी गुनगारगट्टी मम्मीगट्टी धारवाड़ | 44 | 27.04.2018 |
16 | रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय | 14 | 16.05.2018 |
17 | कर्नाटक वन अकादमी, धारवाड़ | 41 | 24.05.2018 |
18 | आईआईआरएस, इसरो देहरादून | 7 | 30.05.2018 |
19 | तेलंगाना वन अकादमी, हैदराबाद से एफ.आर.ओ. की इकाई | 67 | 01.06.2018 |
20 | एफ.आर.ओ. हल्द्वानी | 29 | 11.06.2018 |
21 | एफ.आर.ओ. प्रशिक्षु कुंडल वन अकादमी सांगली, महाराष्ट्र | 34 | 04.07.2018 |
22 | तमिलनाडु वन अकादमी कोयम्बटूर, तमिलनाडु | 32 | 10.09.2018 |
23 | वन प्रशिक्षण संस्थान (हिमाचल प्रदेश) | 49 | 14.09.2018 |
24 | उत्तराखंड वानिकी प्रशिक्षण अकादमी, हल्द्वानी | 30 | 18.09.2018 |
25 | केंद्रीय राज्य वन सेवा अकादमी, असम | 32 | 25.09.2018 |
26 | कैसफॉस , बर्नीहाट, असम | 32 | 11.10.2018 |
27 | भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून | 43 | 12.10.2018 |
28 | भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान | 4 | 31.10.2018 |
29 | वानिकी महाविधालय, कर्नाटक राज्य कृषि एवं विज्ञान विश्वविद्यालय | 56 | 01.11.18 |
30 | वन महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय | 46 | 27.11.18 |
31 | कुंडल विकास अकादमी, प्रशासन (वन) कुंडल जिला | 32 | 01.01.2019 |
32 | हिमाचल प्रदेश विज्ञान, तकनीक और पर्यावरण परिषद, शिमला | 15 | 02.01.2019 |
33 | वन प्रशिक्षण संस्थान, (हिमाचल प्रदेश) | 47 | 16.01.2019 |
34 | आई.आई.आर.एस., देहरादून | 11 | 16.01.2019 |
35 | बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची, झारखंड के वानिकी संकाय | 14 | 07.02.2019 |
36 | कैसफॉस देहरादून | 45 | 08.02.2019 |
37 | कैसफॉस कोयंबटूर | 38 | 14.02.2019 |
38 | गुजरात वन रेंजर्स महाविद्यालय, राजपीपला गुजरात | 35 | 22.02.2019 |
39 | कश्मीर वन प्रशिक्षण संस्थान जम्मू और कश्मीर (बांदीपोरा) | 23 | 27.02.2019 |
40 | वानिकी महाविधालय एसएचयूएटीएस, दरियागंज (यूपी) | 44 | 28.02.2019 |
41 | वानिकी संस्थान, नेपाल | 46 | 01.02.19 |
42 | वानिकी संस्थान, नेपाल | 46 | 03.02.19 |
मध्य प्रदेश वन विभाग को ई-ग्रीन वॉच एवं जी.पी.एस. को व्यवहार करने पर प्रशिक्षण
मध्य प्रदेश वन विभाग के भागीदार अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए भोपाल में भा.व.स. के कुशल अधिकारी द्वारा जी.पी.एस. का व्यवहार करने एवं ई-ग्रीन वॉच के प्रबंधन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
प्रशिक्षण अच्छी तरह ग्रहणशील, अत्यंत मूल्यवान था एवं भविष्य में भी इसी तरह के प्रशिक्षण आयोजित करने का अनुरोध किया गया ।
राष्ट्रीय कार्य योजना कोड 2014 पर कर्नाटक वन विभाग के अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
भा.व.स., देहरादून में 17 से 19 सितंबर 2018 के दौरान राष्ट्रीय कार्य योजना कोड 2014 पर कर्नाटक वन विभाग के अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया गया था ।
प्रशिक्षण राष्ट्रीय कार्य योजना कोड 2014 के अनुसार कार्य योजना तैयार करने में सुदूर संवेदन, जी.आई.एस. के भूमिका की ओर समर्पित था। इस पाठ्यक्रम में वन संसाधन आकलन, बायोमास विस्तार गुणनखण्ड, वा.वन वृक्ष आकलन में जियोमैटिक्स एवं सांख्यिकीय तकनीकों से संबंधित विषय व्याप्त थे।
राजस्थान वन विभाग के फील्ड कर्मचारियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण
भा.व.स. टीम ने अप्रैल 2018 के 23 और 24 को राजस्थान वन विभाग के फील्ड कर्मचारियों को प्रतिदर्शी डिजाइन, फील्ड मैनुअल और फील्ड फॉर्म पर प्रशिक्षण देने के लिए जयपुर में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया तथा राज्य वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए प्लॉट तैयार करने एवं आँकड़ा संग्रहण के संबंध में जयपुर में फील्ड में डेमो भी आयोजित किया गया । 8 जिलों के लिए वा.व.वृक्ष (ग्रामीण) के इन्वेंट्री हेतु प्रतिदर्श बिंदु तैयार किये गये एवं इन्वेंट्री के लिए राजस्थान वन विभाग को भेजा गया ।
मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारियों के लिए कार्बन आकलन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारियों के लिए "उच्च विभेदन उपग्रह आँकड़ों का उपयोग कर कार्बन मापन की तकनीक" पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम । प्रशिक्षण में वन कार्बन आकलन, कार्बन स्टॉक के आकलन में उच्च विभेदन उपग्रह आँकड़ों का उपयोग, बांस में कार्बन का आकलन तथा कार्बन स्टॉक के आकलन के लिए होशंगाबाद हेतु एक केस अध्ययन के लिए आई.पी.सी.सी. फ्रेमवर्क पर जोर दिया गया । मध्यप्रदेश वन से कुल 30 अधिकारी
17 मार्च 2018 को भा.व.से, देहरादून में भारत में राष्ट्रीय वन इन्वेंट्री तथा मॉनिटरिंग प्रोटोकॉल एवं क्षमताओं को प्रबल बनाने पर चर्चा करने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई । कार्यशाला का अभिप्राय भा.व.स. द्वारा तैयार किए गए एन.एफ.एम.एस. के विभिन्न घटकों के चर्चा पर था।
कार्यशाला में एफ.ए.ओ. श्रीलंका, एफ.ए.ओ.आर., आई.आई.आर.एस., राज्य वन विभागों (नागालैंड, उत्तराखंड, मेघालय, मध्य प्रदेश) के प्रतिनिधियों सहित प्रतिभागियों द्वारा भाग लिया गया । कार्यशाला में भा.व.स. अधिकारियों, जेटीए. सहायक , एसटीए, सहायक, सहायक निदेशक, परियोजना वैज्ञानिकों और भा.व.स. में कार्यरत तकनीकी सहयोगियों ने भी भाग लिया ।
वैश्विक वन संसाधन आकलन 2020 (एफ.आर.ए. 2020) पर दक्षिण और मध्य एशिया के लिए उप-क्षेत्रीय कार्यशालाभा.व.स., देहरादून में दिनांक 24 से 27 जुलाई 2018 के दौरान ऑन-लाइन प्लेटफ़ॉर्म पर एफ.आर.ए. 2020 के उद्देश्यों, सुदृढ़िकरण पर चर्चा करने हेतु वैश्विक वन संसाधन आकलन 2020 (एफ.आर.ए. 2020) पर दक्षिण और मध्य एशिया के लिए उप क्षेत्रीय कार्यशाला आयोजित किया गया था ।
कार्यशाला का उद्देश्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से एफ.आर.ए. 2020 देश रिपोर्ट्स के संकलन के लिए एन.सी.एस. को तकनीकी सहायता तथा मार्गदर्शन मुहैया कराना और देश रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करना था । भारतीय वन सर्वेक्षण एफ.आर.ए. के लिए देश की रिपोर्टिंग हेतु नोडल एजेंसी है एवं महानिदेशक, भारतीय वन सर्वेक्षण राष्ट्रीय सम्पर्की हैं ।